नोएडा के उद्यमियों के बीच पहुंचे प्रदेश के मुख्य सचिव, पुलिस आयुक्त बोलीं-उद्यमियों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता
NCR संवाद : नोएडा के उद्योगपतियों और प्रशासन के बीच लंबे समय से लंबित समस्याओं के समाधान की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल करते हुए नोएडा एंटरप्रिन्योर्स एसोसिएशन (NEA) ने अपने सभागार में एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया। उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने उद्योगों से संबंधित समस्याओं को सुनकर समाधान का आश्वासन दिया। गौतमबुद्ध नगर की पुलिस आयुक्त लक्ष्मी सिंह भी इस मौके पर मौजूद रहीं।
बैठक में NEA अध्यक्ष विपिन कुमार मल्हन ने नोएडा के औद्योगिक क्षेत्र से जुड़े कुल 13 महत्वपूर्ण मुद्दों को विस्तार से प्रशासन के समक्ष प्रस्तुत किया।
प्राइवेट लिमिटेड कंपनियों के शेयर परिवर्तन पर दोहरा शुल्क: प्रस्ताव रखा गया कि प्रा. लि. कंपनियों में 1% से भी कम शेयर परिवर्तन पर नोएडा प्राधिकरण और स्टांप विभाग दोनों द्वारा शुल्क वसूला जाता है, जो अनुचित है। उद्यमियों ने अनुरोध किया कि इस शुल्क को समाप्त किया जाए।
एलएलपी में परिवर्तन पर रजिस्ट्री शुल्क समाप्त हो: यदि प्रा. लि. कंपनी को एलएलपी में बदला जाए और कंपनी का नाम व निदेशकगण वही रहें, तो केवल डिक्लेरेशन डीड से ही परिवर्तन मान्य हो, न कि रजिस्ट्री से।
निर्माण पूरा होने पर कार्यशील प्रमाणपत्र में राहत: जिन इकाइयों ने 31 दिसंबर 2024 तक निर्माण पूर्ण कर आवेदन किया है लेकिन कार्यशील प्रमाणपत्र नहीं ले पाए हैं, उन्हें निरस्त न कर औपचारिकता पूर्ण होने पर प्रमाणपत्र देने की मांग की गई।
धारा 10बी पर पुरानी सरल नीति बहाल हो: उद्योगों में पूर्व में चली कामर्शियल गतिविधियों के लिए जारी नोटिस अब जटिल कमेटी प्रक्रिया में फंसे हैं। उद्यमियों ने मांग की कि पहले की तरह शपथ पत्र के आधार पर नोटिस वापस लिया जाए।
औद्योगिक संपत्ति के पारिवारिक बंटवारे पर 5000 स्टांप शुल्क: जैसे आवासीय संपत्तियों पर होता है, उसी तरह रक्त संबंधियों में औद्योगिक संपत्ति के बंटवारे पर भी मात्र ₹5000 स्टांप शुल्क लागू करने की मां रखी गई।
250 वर्ग मीटर तक की इकाइयों को अधिक ग्राउंड कवरेज की अनुमति: छोटे उद्यमियों को सीमित ग्राउंड कवरेज के कारण कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। इस कारण ग्राउंड कवरेज सीमा बढ़ाने का सुझाव दिया गया।
सेक्टर-65 व 67 की भूमि पर स्थायी समाधान की मांग: 23 वर्ष पूर्व आवंटित भूमि को अब पशुचर भूमि बताकर दादरी तहसील से पुनः नोटिस भेजे जा रहे हैं। करोड़ों के निवेश के बाद यह गंभीर संकट है। इस पर स्थायी समाधान की आवश्यकता जताई गई।
अंतरण शुल्क में 2.5 गुना बढ़ोतरी पर विरोध: पूर्व में लागू 4% शुल्क को अब यूनिफाइड रेगुलेशन 2025 के तहत 10% कर दिया गया है। उद्यमियों ने इस अचानक वृद्धि को अनुचित बताया और इसे पूर्ववत करने की मांग की।
समयवृद्धि शुल्क में अत्यधिक वृद्धि: इकाई निर्माण हेतु अब 50, 25, 35 रुपये/वर्गमीटर की दरों के स्थान पर सर्किल रेट का 4% शुल्क लिया जा रहा है, जिससे उद्योगों पर अत्यधिक वित्तीय भार पड़ रहा है।
ओवरहेड बिजली लाइनों से सुरक्षा संकट: तेज़ आंधी-तूफान में पेड़ गिरने से ओवरहेड बिजली लाइनों से जान-माल की हानि का खतरा रहता है। उद्यमियों ने भूमिगत केबलिंग की मांग की।
जीएसटी विभाग की पुरानी बकाया मांगें अनुचित: 2002 से 2017 तक की कर अदायगी के बावजूद पुराने मामलों में पुनः डिमांड भेजी जा रही है, जिससे भ्रम और असमंजस फैल रहा है। इसकी समयसीमा तय करने और प्रमाण प्रस्तुत करने की माँग की गई।
समाहित भूखंडों को फिर से अलग-अलग करने की अनुमति: पहले समग्र इकाई बनाई गई थी, अब व्यापार न चल पाने की स्थिति में अलग-अलग व्यवसाय करने की अनुमति मांगी गई।
श्रमिकों के लिए आवासीय योजनाएं: उद्योगों में लाखों श्रमिक कार्यरत हैं, परंतु आवास की सुविधा न होने के कारण वे झुग्गियों में रहने को मजबूर हैं। ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेसवे क्षेत्र में आवासीय योजनाओं, स्कूल व खेल मैदान की मांग रखी गई।
उद्योग हित में सकारात्मक निर्णय होगा: मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने उद्यमियों की सभी बातों को गहनता से सुना और भरोसा दिलाया कि सभी मांगों पर आगामी नोएडा बोर्ड बैठक में विस्तृत चर्चा की जाएगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि उत्तर प्रदेश सरकार औद्योगिक विकास और उद्यमियों के हितों को सर्वोपरि मानती है।
उद्यमियों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता: पुलिस आयुक्त लक्ष्मी सिंह ने कहा कि उद्यमियों को सुरक्षित वातावरण देना उनकी प्राथमिकता है। NEA महासचिव वीके सेठ की मांग पर उन्होंने आश्वासन दिया कि हर माह के पहले शनिवार को एनईए सभागार में पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक आयोजित की जाएगी।
बैठक में NEA अध्यक्ष विपिन कुमार मल्हन, महासचिव वी.के. सेठ, वरिष्ठ उपाध्यक्ष हरीश जोनेजा, राकेश कोहली, मुकेश कक्कड़, धर्मवीर शर्मा, कोषाध्यक्ष एस.सी. जैन, सह-कोषाध्यक्ष संदीप विरमानी, उपाध्यक्ष मोहन सिंह, सुधीर श्रीवास्वत, आर.एम. जिंदल, सचिव आलोक गुप्ता, राजन खुराना, राहुल नैयर, मयंक गुप्ता, सह सचिव जी.के. बंसल सहित राकेश कत्याल, योगेश आनंद, प्रदीप मेहता, प्रकाश अग्रवाल सहित बड़ी संख्या में उद्यमी उपस्थित रहे।