NCR संवाद: चंडीगढ़ ट्राईसिटी के निवासियों के लिए केंद्र सरकार ने एक बड़ी सौगात दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति ने 1878.31 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले 6 लेन जीरकपुर बाईपास को मंजूरी दे दी है। यह बाईपास चंडीगढ़, मोहाली और पंचकूला जैसे व्यस्त शहरी क्षेत्रों को ट्रैफिक जाम से राहत दिलाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है।
यह हाई-स्पीड बाईपास एनएच-7 (जीरकपुर-पटियाला) से शुरू होकर एनएच-5 (जीरकपुर-परवाणू) तक फैलेगा, जिसकी कुल लंबाई 19.2 किलोमीटर होगी। इस परियोजना को हाइब्रिड एन्युटी मोड पर विकसित किया जाएगा और यह पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के अंतर्गत एकीकृत परिवहन ढांचे का महत्वपूर्ण हिस्सा होगी।
ट्रैफिक फ्री ट्राईसिटी का सपना होगा साकार
इस बाईपास के निर्माण से चंडीगढ़, मोहाली और पंचकूला के शहरी केंद्रों में रोजाना लगने वाले भारी जाम से निजात मिलेगी। पटियाला, दिल्ली और मोहाली एरोसिटी की ओर से आने-जाने वाले वाहनों को अब शहरी सड़कों से होकर गुजरने की आवश्यकता नहीं होगी। साथ ही, यह मार्ग हिमाचल प्रदेश की ओर यात्रा करने वालों के लिए सीधी और निर्बाध कनेक्टिविटी प्रदान करेगा।
रिंग रोड योजना का अहम हिस्सा
सरकार की योजना है कि चंडीगढ़ ट्राईसिटी के चारों ओर एक रिंग रोड नेटवर्क विकसित किया जाए ताकि ट्रैफिक को बेहतर तरीके से डायवर्ट किया जा सके और सभी क्षेत्रों को जोड़ने वाली कनेक्टिविटी को मज़बूत किया जा सके। जीरकपुर बाईपास इस रिंग रोड का एक महत्वपूर्ण और रणनीतिक हिस्सा होगा।
परियोजना के प्रमुख लाभ:
- चंडीगढ़, मोहाली और पंचकूला के भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों से ट्रैफिक का डायवर्जन
- यात्रा समय में भारी कमी
- ईंधन की बचत और प्रदूषण में गिरावट
- हिमाचल और हरियाणा के बीच तेज़ और सुगम संपर्क
- ट्रांसपोर्ट और लॉजिस्टिक्स सेक्टर को बढ़ावा
विकास की रफ्तार को मिलेगी नई दिशा
यह परियोजना ना सिर्फ यातायात को सुगम बनाएगी बल्कि क्षेत्रीय विकास, व्यापार, पर्यटन और निवेश के नए रास्ते खोलेगी। इससे स्थानीय निवासियों को बेहतर कनेक्टिविटी के साथ-साथ आर्थिक लाभ भी मिलेगा।