ट्री-मैन ने छेड़ी बूंद-बूंद पानी बचाने की अनूठी मुहिम

– विक्टोरा इंडस्ट्रीज के एमडी सतेंद्र सिंह बांगा ने पर्यावरण के साथ पानी बचाने का दिया आइडिया

– एसी से निकलने वाला पानी बर्बाद होते देख किया ऐसा इंतजाम कि अब बच रहा हजारों लीटर पानी

– बोले, जल संकट का समाधान जल संरक्षण, हमें समझना होगा पानी की हर-एक बूंद का महत्व

एनसीआर संवाद

फरीदाबाद। हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि जल संकट का समाधान जल संरक्षण (water conservation) से ही है। हम अक्सर सुनते आए हैं कि “जल है तो कल है”, लेकिन फिर भी पानी की बर्बादी पर ध्यान नहीं देते। हमें समझना होगा कि बिना जल के सुनहरे कल की कल्पना नहीं की जा सकती। हमें पानी की एक-एक बूंद का महत्व समझना होगा। यह कहना है पर्यावरण के प्रहरी बनकर काम कर रहे ट्री-मैन के नाम से मशहूर विक्टोरा इंडस्ट्रीज के प्रबंध निदेशक सतेंद्र सिंह बांगा का…। उन्होंने हरियाली बचाने के साथ ही पानी बचाने की अनूठी मुहिम छेड़ी है।

सतेंद्र सिंह बांगा बताते हैं कि हमारे देश में बड़ी संख्या में लोग पानी के संकट से जूझ रहे हैं, वहीं ऐसे भी लोग हैं जो जाने-अनजाने बड़ी मात्रा में इसकी बर्बादी भी कर देते हैं। गर्मियां आते ही एयर कंडीशनर (AC) का इस्तेमाल शुरू हो जाता है। एसी की ठंडी हवा भीषण गर्मी से तो राहत देती है लेकिन इससे पानी की बेतहाशा बर्बादी भी हो रही है, क्योंकि एसी चलाने पर भी पानी निकलता रहता है। अगर इस पानी को नाली में बहाने की जगह इसका उचित उपयोग किया जाए तो रोजाना एक एसी से औसतन 15 से 20 लीटर पानी बचाया जा सकता है। आज लगभग हर घर में एसी का इस्तेमाल हो रहा है। औद्योगिक इकाइयों में तो कई-कई एसी लगाए जाते हैं। सोचकर देखिए कि अगर प्रत्येक एसी से निकलने वाले पानी को सहेजा जाएगा तो रोजाना कितना पानी बचाया जा सकता है। अंदाजा लगाना मुश्किल है, लेकिन यह आंकड़ा लाखों-करोड़ों लीटर या इससे भी कहीं अधिक हो सकता है।

यूं तो एयर कंडीशनर (AC) से निकलने वाले पानी को कई तरह से सहेजा जा सकता है, लेकिन उद्योगपति सतेंद्र सिंह बांगा ने इस पानी को स्टोर कर काम में लेने का अनूठा तरीका साझा किया है। मसलन, एसी से निकलने वाले पानी को सीधा ड्रेनेज में बहाने या स्टोर करने के बाद फेंकने की जगह उसका सदुपयोग किया जा रहा हे। शुरुआत में उन्होंने अपने ऑफिस में लगे दो विंडो एसी से निकलने वाले पाइप को ड्रेनेज पाइप में फिट कराया। इस पाइप के निचले हिस्से में एक टोटी फिट कराई गई। इस तरह पाइप में एसी से निकलने वाला पानी काफी मात्रा में एकत्र हो जाता है, जिसका उपयोग फैक्ट्री परिसर में लगे पौधों को सींचने में किया जा रहा है। पानी की बचत का यह फॉर्मूला हिट होते देख उन्होंने फैक्ट्री और घर में लगे सभी एसी में कुछ इस तरह का प्रयोग किया है। जिससे रोजाना अच्छी खासी मात्रा में पानी की बचत की जा रही है।

 पर्यावरण प्रेमी सतेंद्र सिहं बांगा बताते हैं कि एयर कंडीशनर (AC) से निकलने वाला पानी डिस्टिल्ड वाटर (distilled water) की तरह होता है। इसका टोटल डिसोल्वड सॉलिड्स (TDS) वैल्यू 40 से 80 के बीच होता है, जिसका इस्तेमाल पौधों को सींचने के लिए भी किया जा सकता है। इसके अलावा भी कुछ तरीके अपना कर पानी की बचत की जा सकती है। आइए जानते हैं ऐसे ही कुछ तरीके :-

1- एयर कंडीशनर (AC) के पानी को आप पौधों में लगा सकते हैं, जिससे पौधे हरे-भरे रहेंगे और पर्यावरण भी सुरक्षित रहेगा।

2- एयर कंडीशनर (AC) से निकलने वाले पानी से आप कपड़ों की धुलाई भी कर सकते हैं। इससे कपड़े खराब नहीं होते हैं।

3- इस पानी का इस्तेमाल घर-कारखाने की सफाई के लिए भी किया जा सकता है, जिससे रोजाना सैंकड़ों लीटर पानी बचेगा।

4- अक्सर वाहनों को धोने पर हजारों लीटर पानी बर्बाद करते हैं, एसी का पानी एकत्र कर वाहनों की धुलाई की जा सकती है।

5- एयर कंडीशनर (AC) के वेस्टेज पानी को आप अपनी गाड़ी और इनवर्टर की बैटरी के लिए भी इस्तेमाल कर सकते हैं।

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