एमएसएमई को मिलेगी गति, दूर होगा कुशल श्रमिकों का संकट

– मोदी 3.0 के पहले बजट पर उद्योगपति सतेंद्र सिंह बांगा ने बताई अपनी राय

– विकसित अर्थव्यवस्था के साथ दूरगामी परिणामों पर इस बार बजट का फोकस

एनसीआर संवाद

फरीदाबाद। मोदी 3.0 का पहला बजट लोकलुभावन घोषणाओं की जगह वित्तीय अनुशासन की ओर इशारा करता दिख रहा है। भारत को विकसित अर्थव्यवस्था बनाने के साथ दूरगामी परिणामों पर इस बजट में फोकस किया गया है। शहरी विकास, ऊर्जा संरक्षण, कृषि के साथ कौशल विकास, शिक्षा और रोजगार को केंद्रित करते इस बजट में हर वर्ग जोड़ा गया है। इस बजट से सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग (एमएसएमई) को गति मिलने की पूरी उम्मीद है। सरकार ने जिस तरह के प्रावधान बजट में किए हैं, उससे न केवल एमएसएमई को प्रोत्साहन मिलेगा बल्कि युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। यह कहना है फरीदाबाद के प्रसिद्ध उद्योगपति विक्टोरा इंडस्ट्रीज के प्रबंध निदेशक सतेंद्र सिंह बांगा का। आइए उन्हीं से जानते हैं इस बजट के मायने…
सतेंद्र सिंह बांगा कहते हैं कि कुशल श्रमिकों की कमी का सामना कर रहे उद्योगों को इस बार बजट में बड़ी राहत के संकेत मिले हैं। युवाओं के कौशल विकास और रोजगार के लिए 1.48 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। उद्योगों की जरूरतों के अनुसार पाठ्यक्रम की विषय-वस्तु तैयार होगी। हर साल करीब 20 लाख और पांच साल में लगभग एक करोड़ युवाओं को तैयार करने की योजना है। हम यह कह सकते हैं कि आने वाले सालों में उद्योगों को कुशल श्रमिकों की कमी का सामना नहीं करना पड़ेगा। जरूरत के अनुसार एक हजार आईटीआई को अपग्रेड किया जाएगा। 500 शीर्ष औद्योगिक संस्थानों में इंटर्नशिप के माध्यम से कौशल को निखारने का काम करेंगे। 
मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर के बिना विकसित अर्थव्यवस्था का सपना अधूरा है। औद्योगिक विकास का आधार बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर ही है, इस बात को सरकार ने समझा है। यही वजह है कि इस बार बजट में सड़कों, राजमार्गों, हवाई अड्‌डों, और औद्योगिक गलियारों के सुधार पर जोर देते हुए इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में 11.11 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है जो पिछले दस साल का तीन गुना ज्यादा है। मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए 100 शहरों में औद्योगिक पार्क बनाने की घोषणा स्वागतयोग्य है। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग के विकास में आड़े आने वाली फंड की अड़चन को दूर करने के लिए सेल्फ फाइनेंसियल गारंटी फंड बनाने की घोषणा की गई है, जिसमें 100 करोड़ रुपये तक के लोन की गारंटी होगी। 

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