विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस पर विशेष आलेख
अथर्ववेद में कहा गया है कि पृथ्वी हमारी माता है और हम उनके बच्चे हैं। इसी को आत्मसात करते हुए हजारों वर्ष पूर्व हमारे पूर्वज प्रकृति को भगवान मान कर पूजने लगे। सदियों से भारत में प्रकृति की पूजा के साथ उत्सव मनाने की परंपरा चली आ रही है। कहा भी जाता है कि ” मनुष्य के हाथों से हुए निर्माण को कृति और भगवान के हाथों से निर्मित वस्तु को प्रकृति कहते हैं।”
पंचमहाभूत, पंच तत्व- हमारे ‘ भगवान ‘ ही हैं।
भ- भूमि, ग- गगन, व- वायु, अ- अग्नि, न- नीर (जल) अर्थात ये पंचतत्व हम मनुष्यों के ‘ भगवान ‘ हैं। 28 जुलाई को पूरी दुनिया में विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस मनाया जाता है। इन्हें संरक्षित व स्वच्छ रखने की प्रेरणा ली जाती है। बदलते समय में इसकी आवश्यकता और अधिक बढ़ गई है। जलवायु परिवर्तन के इस युग में हमें अपने सामाजिक कर्तव्यों के साथ प्रकृति के प्रति भी संवेदनशील रहना होगा। प्रकृति हमारी वास्तविक माँ की तरह की होती है, जो हमें कभी नुकसान नहीं पहुंचाती बल्कि हमारा पालन-पोषण करती है। एक समय के बाद हमें उसके संरक्षण पर बल देना होगा। जिम्मेदारी उठानी होगी।
पर्यावरण संरक्षण व्यक्तिगत नहीं बल्कि एक सामूहिक जिम्मेदारी है और मुझे खुशी है कि विक्टोरा लाइफ़ फाउंडेशन लोगों में जागरुकता के लिए अहम भूमिका का निर्वाह कर रहा है। हमें समझना होगा कि प्रकृति हमारे जीवन का मूल है। प्रकृति के बिना हम जीवन की कल्पना नहीं कर सकते। आज प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर शुरू किया गया अभियान ” एक पेड़ माँ के नाम ” जनांदोलन बन गया है। हरियाणा के फरीदाबाद में विक्टोरा लाइफ फाउंडेशन द्वारा शुरू किया ” सेल्फी विद प्लांटेशन ” अभियान से बड़ी संख्या में लोग जुड़ रहे हैं। बड़े स्तर पर सरकारी व सामाजिक संगठन पौधरोपण और उनके संरक्षण के लिए आगे आ रहे हैं। लोगों में प्रकृति के प्रति संवेदनशीलता आना एक सुखद पहलू है। हम जितना प्रकृति की रक्षा करेंगे, प्रकृति से हजारों गुना अधिक वापस मिलेगा। यह प्रकृति का नियम भी है। इसलिए कहा भी गया है…” प्रकृति रक्षति रक्षितः। “
अर्थात् प्रकृति उसकी रक्षा करती है, जो प्रकृति की रक्षा करता है। जैसा, हमारे प्रधानमंत्री श्री मोदी कहते हैं यही समय है, सही समय है…। हम सभी को इस मानसून में खूब पौधे लगाना चाहिए। उसके दीर्घकालीन संरक्षण के लिए संकल्पबद्ध होकर जुट जाना चाहिए।
एसएस बांगा, पर्यावरण प्रेमी
Superb plantation movement. No words to appreciate. Nice noble cause in the field of environment protection.