– रूफ शेड पर लगेंगे 900 सोलर पैनल, वर्षा जल संचयन का भी होगा प्रावधान
– हर साल 6 लाख यूनिट से ज्यादा बिजली पैदा होगी, हरियाली का होगा पूरा इंतजाम
एनसीआर संवाद
नई दिल्ली। दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर पर बनाया जा रहा न्यू अशोक नगर स्टेशन ईको फ्रेंडली होगा। सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए इस स्टेशन के रूफ शेड पर 900 सोलर पावर पैनल लगाए जाएंगे। जिससे प्रतिवर्ष साढ़े 6 लाख यूनिट से ज्यादा बिजली पैदा होगी। साथ ही, इस स्टेशन पर वर्षाजल संचयन का भी प्रावधान किया जा रहा है, जिसके लिए रेनवॉटर हार्वेस्टिंग पिट्स बनाए जा रहे हैं। आसपास की हरियाली के लिए विभिन्न प्रकार के पौधे लगाए जाएंगे।
वर्तमान में स्टेशन की छत (रूफ स्ट्रक्चर) का निर्माण कार्य प्रगति पर है। इसके निर्मित होते ही ऊपर सोलर पावर पैनल स्थापित किए जाएंगे। यहां उत्पादित बिजली का इस्तेमाल स्टेशन की लाइटिंग तथा अन्य उपकरणों के लिए किया जाएगा। एनसीआरटीसी द्वारा एक सौर नीति अपनाई गयी है, जिसका लक्ष्य पूरे दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर पर 11 मेगावाट से अधिक सौर ऊर्जा उत्पन्न करके नवीकरणीय ऊर्जा की हिस्सेदारी को बढ़ाना है। इस पहल के अनुरूप ही आरआरटीएस स्टेशनों, डिपो, आरएसएस और अन्य इमारतों के ऊपर सोलर पावर पैनल लगाए जा रहे हैं, जिससे सालाना 11,500 टन कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) उत्सर्जन में कमी आना अनुमानित है, जो जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई में एक बड़ा कदम साबित होगा।
उल्लेखनीय है कि अब तक आरआरटीएस कॉरिडोर पर परिचालित सेक्शन के साहिबाबाद, गुलधर, दुहाई, दुहाई डिपो स्टेशनों के साथ गाजियाबाद व मुरादनगर रिसीविंग सब स्टेशनों तथा आरआरटीएस डिपो में सोलर प्लांट स्थापित किए जा चुके हैं, जो वर्तमान में सक्रिय हैं। ये कुल मिलकर 3 मेगावाट से अधिक की बिजली उत्पादित कर रहे हैं। अपनी खपत से ज्यादा बिजली उत्पादित करने से ये सभी कार्बन नेगेटिव स्टेशन हैं। न्यू अशोक नगर स्टेशन पर वर्षा जल संचयन के लिए 5 रेन वाटर हार्वेस्टिंग पिट्स बनाए जा रहे हैं, जिनमें से तीन का निर्माण पूर्ण हो गया है। ये पिट्स स्टेशन और वायाडक्ट में एकत्रित जल को भूमि के अंदर समाहित कर लेंगे और इस प्रकार जल संग्रहण में अपना योगदान देंगे। एनसीआरटीसी पूरे दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर पर वर्षा जल संचयन के लिए 900 से ज्यादा रेन वाटर हार्वेस्टिंग पिट्स बना रहा है। इनमें से 80 फीसदी से ज्यादा पिट्स बनकर तैयार हो चुके हैं।
इसके साथ ही न्यू अशोक नगर स्टेशन पर हरियाली के लिए विभिन्न प्रकार के पौधे लगाए जाएंगे। ये पौधे पार्किंग, स्टेशन के नीचे मीडियन में और आस पास लगाए जाएंगे। वैश्विक पर्यावरण संरक्षण लक्ष्यों के अनुरूप हरित और सतत विकास के लिए एनसीआरटीसी सम्पूर्ण आरआरटीएस कॉरिडोर को ईको फ्रेंडली बनाने के लिए दिल्ली से मेरठ तक अब तक ढ़ाई लाख से ज्यादा पौधे लगा चुका है और अन्य निर्माणाधीन स्टेशनों के लिए भी पौधे लगाने का कार्य प्रगति पर है। ये पौधे कॉरिडोर के नीचे सड़क के बीच के मीडियन तथा स्टेशन और डिपो आदि में लगाए जा रहे हैं।
स्वच्छ और हरित पर्यावरण की दिशा की ओर एनसीआरटीसी न्यू अशोक नगर आरआरटीएस स्टेशन के लिए आईजीबीसी प्रमाणन की उच्चतम रेटिंग प्राप्त करने के लिए प्रयासरत है। इसे प्राप्त करने के लिए, हरित ऊर्जा के दोहन के लिए स्टेशन की छत पर सौर पैनल लगाए जाएंगे और साथ ही स्टेशन को सुंदर डिजाइन किया जा रहा है जो समग्र यात्री अनुभव को बढ़ाएगा और लोगों को सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करेगा।
न्यू अशोक नगर आरआरटीएस स्टेशन का निर्माण मौजूदा अशोक नगर मेट्रो स्टेशन के करीब किया जा रहा है। मल्टी मॉडल इंटिग्रेशन के तहत परिवहन के दोनों साधनों के बीच कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए, एनसीआरटीसी आरआरटीएस स्टेशन और मेट्रो स्टेशन के बीच 90 मीटर लंबे और 6 मीटर चौड़े एफओबी का निर्माण कर रहा है, जिसका निर्माण एडवांस स्टेज में है। यह एफओबी मेट्रो स्टेशन के कॉनकोर्स लेवल को सीधे-सीधे आरआरटीएस स्टेशन से जोड़ेगा। इस एफओबी के माध्यम से यात्री स्टेशन परिसर से बाहर निकले बिना इन परिवहन साधनों में से किसी भी माध्यम में निर्बाध आ-जा सकेंगे। इससे ट्रैफिक जाम और भीड़भाड़ को नियंत्रित करने में भी मदद मिलेगी। यह विशेष रूप से महिलाओं, बुजुर्गों तथा बच्चों और अधिक सामान के साथ यात्रा कर रहे यात्रियों के लिए वरदान साबित होगा।
आरआरटीएस के दिल्ली सेक्शन को साहिबाबाद के परिचालित सेक्शन से जोड़ने के लिए तेजी से कार्य किया जा रहा है। इसके अंतर्गत पहले ही वायाडक्ट और टनल का निर्माण किया जा चुका है। ट्रैक बिछाने की गतिविधियां चल रही हैं, साथ ही ओएचई और सिग्नल्लिंग का कार्य भी प्रगति पर है। ऐसी आशा है की नवम्बर माह तक दिल्ली सेक्शन मे न्यू अशोक नगर स्टेशन तक ट्रायल आरंभ हो जाएगा।