– एमएसएमई इंडस्ट्रियल एसोसिएशन ने पीवीवीएनएल की प्रबंध निदेशक के समक्ष उठाई उद्योगों की समस्या
– उद्योगों को निर्बाध बिजली आपूर्ति और लाइनलॉस को रोककर नोएडा को नो पावर कट बनाने की उठी मांग
एनसीआर संवाद
नोएडा। पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (पीवीवीएनएल) की प्रबंध निदेशक ईशा दुहन की अध्यक्षता में आयोजित बैठक के दौरान एमएसएमई इंडस्ट्रियल एसोसिएशन ने नोएडा-ग्रेटर नोएडा के 25 हजार से ज्यादा उद्योगों की बिजली संबंधित समस्याओं को प्रमुखता से उठाया। एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह नाहटा ने कहा कि प्रदेश को सबसे ज्यादा राजस्व देने वाले नोएडा के उद्योगों पर विद्युत निगम अनावश्यक आर्थिक बोझ डाल रहा है। प्रदेश सरकार आईटी कंपनियों को उद्योग मानती है और नोएडा, ग्रेटर नोएडा व यमुना प्राधिकरण भी इस सेक्टर को उद्योग का दर्जा दे रहे हैं, लेकिन विद्युत वितरण निगम आईटी सेक्टर को उद्योग नहीं मान रहा है। आईटी उद्योगों को नोटिस जारी किए जाते हैं। उद्योगों की श्रेणी में आने वाली आईटी कंपनियों पर वाणिज्यिक विद्युत दरों का आर्थिक बोझ डाला जा रहा है।
औद्योगिक क्षेत्रों में गुणवत्तापरक निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित किए जाने के लिए बिजनेस प्लान 2024-25 के तहत कार्य किया जाना है। इस संदर्भ में इस बैठक का आयोजन किया गया। जिसमें नोएडा, गाजियाबाद, बागपत, बुलंदशहर, हापुड़, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, शामली, मुरादाबाद, बिजनौर, रामपुर, अमरोहा और संभल के मुख्य अभियंता, जिला उद्योग केंद्र के अधिकारी और औद्योगिक संगठनों के प्रतिनिधि शामल हुए। सुरेंद्र सिंह नाहटा ने कहा कि आईटी इंडस्ट्री को औद्योगिक दरों पर बिजली दी जाए। अगर कहीं विद्युत संयोजन में बदलाव करना है तो इसके लिए उद्यमियों को उचित समय दिया जाए। एक पक्षीय कार्रवाई करते हुए सीधे ही जुर्माना लगाया जाना उचित नहीं है। प्रदेश की आर्थिक तरक्की में नोएडा के उद्योगों का योगदान बना रहे, इसके लिए उद्योगों को निर्बाध बिजली आपूर्ति की व्यवस्था की जाए। औद्योगिक सेक्टरों में स्थित स्लम में बिजली चोरी से हो रहे लाइनलॉस को रोकने का पुख्ता इंतजाम किया जाए। बिजली ढांचे को सुधारकर नोएडा को सही मायने में नो पावर कट जोन बनाया जाए।