दिल्ली- नोएडा का जाम थाम रहा उद्योगों की रफ्तार

– एमएसएमई इंडस्ट्रियल एसोसिएशन ने नोएडा प्राधिकरण के सीईओ को लिखा पत्र

– जाम से समय के साथ ईंधन की बर्बादी, जल्द हो चिल्ला एलिवेटेड रोड का निर्माण

एनसीआर संवाद 

नोएडा। मयूर विहार दिल्ली से नोएडा-ग्रेटर नोएडा को जोड़ने वाले दिल्ली-नोएडा लिंक रोड पर लगातार गहरा रही जाम की समस्या का असर जिले के 25 से 30 हजार उद्योगों पर पड़ रहा है। लिंक रोड पर सुबह-शाम चार से पांच घंटे के जाम से दिल्ली-नोएडा के बीच आवगमन करने वाले लाखों श्रमिक और हजारों उद्यमी परेशान हो रहे हैं। इस महत्वपूर्ण मार्ग का प्रयोग माल ढुलाई के लिए भी किया जाता है, लेकिन जाम की बढ़ती समस्या के कारण रोजाना करोड़ों रुपये का ईंधन और अमूल्य समय की बर्बादी हो रही है। साथ ही, पर्यावरण भी दूषित हो रहा है। एमएसएमई इंडस्ट्रियल एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष सुरेंद्र सिंह नाहटा ने नोएडा प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी को पत्र लिखकर चिल्ला एलिवेटेड रोड के निर्माण की मांग उठाई है।

सुरेंद्र सिंह नाहटा का कहना है कि जाम का उद्योगों पर बुरा असर पड़ रहा है। दिल्ली से नोएडा और नोएडा से ग्रेटर नोएडा के बीच रोजाना लाखों की संख्या में श्रमिक और उद्यमी सफर करते हैं। इस महत्वपूर्ण मार्ग का प्रयोग माल ढुलाई के लिए भी किया जाता है, लेकिन जाम की बढ़ती समस्या के कारण रोजाना करोड़ों रुपये का ईंधन और अमूल्य समय की बर्बादी हो रही है। आसमान छू रही ईंधन की कीमतों के बीच शहर की सड़कों पर जाम की समस्या आम जनता के साथ गौतमबुद्धनगर के 25 से 30 हजार उद्योगों पर भी दोहरी मार डाल रही है। सबसे ज्यादा परेशानी दिल्ली-नोएडा लिंक रोड पर सुबह-शाम लगने वाले जाम की वजह हो रही है। नोएडा में पेट्रोल की दरें लगभग 95 रुपये प्रति लीटर, डीजल की दर लगभग 87 रुपये प्रति लीटर और सीएनजी की कीमत तकरीबन 79 रुपये प्रति लीटर है। श्रमिक, उद्योग संचालक और माल ढुलाई करने वाले लाखों वाहन रोजाना चिल्ला बॉर्डर के रास्ते दिल्ली-नोएडा और ग्रेटर नोएडा के बीच आवाजाही करते हैं, जो सुबह-शाम चार से पांच घंटे लगने वाले जाम के बीच समय बर्बाद करने के साथ ईंधन के रूप में रोजाना आर्थिक बोझ का सामना कर रहे हैं।


बताया जाता है कि साल 2012 में नोएडा प्राधिकरण ने साढ़े पांच किलोमीटर लंबे चिल्ला एलिवेटेड रोड को तैयार करने की योजना बनाई थी, लेकिन बड़े आश्चर्य की बात है कि 12 साल बाद भी सड़क नहीं बन सकी है। वर्ष 2019 में काम भी शुरू हुआ था, लेकिन कुछ समय बाद काम बंद कर दिया गया। अब तक इसके निर्माण की प्रक्रिया दोबारा से शुरू नहीं हो सकी है, जबकि यह प्रोजेक्ट दिल्ली-एनसीआर के लिए सबसे महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट है। संस्था ने जनपद के 25 से 30 हजार उद्योगों के हित को ध्यान में रखकर चिल्ला एलिवेटेड रोड के निर्माण की बाधाओं को शीघ्र दूर करने की मांग उठाई है। चिल्ला एलिवेटेड रोड परियोजना दिल्ली से नोएडा-ग्रेटर नोएडा ही नहीं बल्कि यमुना एक्सप्रेस-वे के रास्ते दिल्ली से लखनऊ और आगरा के बीच आवाजाही करने वालों के लिए बेहद जरूरी है।

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