गाजियाबाद के बुलंदशहर रोड औद्योगिक क्षेत्र के उद्यमियों का छलका दर्द
इंड्रस्ट्रियल एरिया मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ने समस्याओं से कराया अवगत
एनसीआर संवाद
गाजियाबाद, 19 सितंबर। गाजियाबाद के बुलंदशहर औद्योगिक क्षेत्र की 450 औद्योगिक इकाइयों में काम करने वाले एक लाख से ज्यादा श्रमिक परेशानी का सामना कर रहे हैं। औद्योगिक क्षेत्र की 34 सड़कों की हालत बेहद खराब हो गई है। अतिक्रमण और सड़कों पर कचरे के ढेर देखकर उद्योगों में आने वाले देश-विदेश के बायर्स वापस लौट रहे हैं। हालत इस कदर खराब है कि उद्यमियों को अपनी ही इकाइयों में पहुंचने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे उद्यमियों का दर्द आखिरकार छलक ही पड़ा। बृहस्पतिवार को इंड्रस्ट्रियल एरिया मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (आईएएमए) ने औद्योगिक क्षेत्र की समस्याओं से अवगत कराया।
आईएएमए के अध्यक्ष सुशील अरोड़ा ने बताया कि औद्योगिक क्षेत्र की सड़कों की मरम्मत के लिए तीन साल से नगर निगम और यूपीसीडा के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। उद्यमियों और श्रमिकों को उद्योगों तक पहुंचने के लिए क्षतिग्रस्त सड़कों से होकर गुजरना पड़ता है। अतिक्रमण का जाल क्षेत्र में फैल रहा है। रास्तों पर रोशनी की व्यवस्था नहीं है। कचरे के ढेर लगे हुए हैं और सॉलिड वेस्ट के निस्तारण जैसी समस्याओं का सामना उद्यमियों को करना पड़ रहा है। बुलंदशहर रोड औद्योगिक क्षेत्र साइट-1 की लगभग सभी सड़कें पूरी तरह क्षतिग्रस्त होकर इतनी दयनीय अवस्था में पहुंच चुकी हैं कि वहां से किसी भी वाहन का निकल पाना संभव नहीं है। जर्जर सड़कों के कारण उड़ने वाली धूल और मिट्टी के कारण प्रदूषण का स्तर निरंतर बढ़ता रहता है। यूपीसीडा की ओर से सड़कों के सुधार के लिए 120 करोड़ की टेंडर प्रकिया छह माह से चल रही है। टेंडर जारी होते हैं और कुछ ही समय में निरस्त कर दिए जाते हैं। अब तक किसी सड़क का काम शुरू नहीं हो सका है।
आईएएमए के महासचिव
संजीव सचदेव ने कहा कि 714 एकड़ में फैले औद्योगिक क्षेत्र में 34 सड़कें हैं। पूर्व में यूपीसीडा ने क्षेत्र में लाइटें लगाई थीं, जिनकी उचित देखभाल भी नगर निगम नहीं कर सका है। अब लगभग सभी सड़कों पर लाइटों की व्यवस्था शून्य है। औद्योगिक इकाइयों से निकलने वाले कचरे के लिए नगर निगम कोई स्थायी व्यवस्था नहीं कर रहा है। वहीं, शहरभर का कचरा लाकर औद्योगिक क्षेत्र में डंप किया जा रहा है। आईएमएस कॉलेज से आत्मा स्टील कंपनी को जोड़ने वाली सड़क पर 400 से 500 डंपर कचरा डंप कर दिया गया है। इस कचरे को उठाने का कोई प्रयास नगर निगम नहीं कर रहा है। औद्योगिक क्षेत्र की सड़कों पर झुग्गी झोपड़ी, अतिक्रमण और अवैध कब्जे बढ़ते जा रहे हैं। अवैध रूप से कबाड़ियों ने गोदाम बना रखे हैं। खेद का विषय है कि पुराना अतिक्रमण तो हटाया नहीं जा रहा है और नया अतिक्रमण दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। उद्यमियों के पास कारोबार के सिलसिले में आने वाले देश और विदेश के बायर्स औद्योगिक क्षेत्र की दुर्दशा देखकर दोबारा नहीं आते। इसका खामियाजा उद्योगों को भुगतना पड़ रहा है।
आईएएमए के उपाध्यक्ष मंजीत सिंह ने बताया कि बुलंदशहर औद्योगिक क्षेत्र की क्षतिग्रस्त सड़कों के कारण आये दिन दुर्घटनाएं होती हैं। औद्योगिक क्षेत्र की सड़कों के किनारे व अन्य खाली क्षेत्र में कूड़े के ढेर लग रहे हैं। संगठन की तरफ से नगर निगम से लगातार अनुरोध किया जाता रहा है कि क्षेत्र को अतिक्रमण मुक्त कराने के साथ समस्याओं का निस्तारण किया जाए, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। औद्योगिक क्षेत्र में हजारों की संख्या में महिला श्रमिक कार्यरत हैं। श्रमिकों के आवगमन के लिए कोई सीधा साधन ही आज तक उपलब्ध नहीं हो सका है। बुलंदशहर रोड औद्योगिक क्षेत्र एनएच-9 से जुड़ा हुआ है। गाजियाबाद में एंट्री करते ही इस क्षेत्र की सड़कों की दुर्दशा देखकर ग्राहक वापस लौटने को मजबूर हो जाते हैं।
आईएएमए के वित्त सचिव अनिल तनेजा ने बताया कि औद्योगिक क्षेत्र की मुख्य सड़कों (सड़क संख्या 4, 5, 6, 7, 8 व 10) पर ट्रक-ट्रॉलों की अवैध पार्किंग बढ़ती जा रही है। नगर निगम को कोई बार पत्र लिखा जा चुका है। उद्योग बंधु की बैठक में भी लगातार यह मामला उठाया जा रहा है, इसके बाद भी संबंधित विभाग कोई ठोस कदम नहीं उठा रहे हैं। परिणाम यह है कि वर्तमान में उद्योग चलाना संभव नहीं हो पा रहा है। अवैध पार्किंग के कारण अधिकांश समय ऐसी स्थिति बन जाती है कि उद्यमी अपनी इकाई में प्रवेश नहीं कर पाते। विरोध करने पर लड़ाई-झगड़़े की नौबत आ जाती है। जिस औद्योगिक क्षेत्र से भारी-भरकम राजस्व मिल रहा है। एक लाख लोगों को रोजगार मिल रहा है। उस क्षेत्र की अगर सड़क तक नहीं बनाई जा सकती तो औद्योगिक विकास की कल्पना करना बेकार है।
आईएएमए के संयुक्त सचिव सौरभ मित्तल ने बताया कि उद्यमियों को सड़क जैसी मूलभूत सुविधाएं ही उपलब्ध नहीं हो पा रही हैं। करोड़ों रुपया टैक्स देने के बाद भी औद्योगिक क्षेत्र की हालत बद से बदतर हो रही है। ऐसे हालात में औद्योगिक विकास की कल्पना आखिर कैसे की जा सकती है। बुलंदशहर रोड औद्योगिक क्षेत्र में एक लाख से ज्यादा श्रमिक काम करते हैं, जो रोजाना जान जोखिम में डालकर घर से फैक्ट्री और फैक्ट्री से घर वापस लौटते हैं। उद्यमियों को सुविधाएं चाहिए, लेकिन हर बार उन्हें प्रोसेस बताकर लौटा दिया जाता है। औद्योगिक क्षेत्र की सड़कों से गुजना दूभर हो गया है। सभी तरह के टैक्स उद्योग भरते हैं और सबसे ज्यादा परेशानी भी उद्योगों को ही झेलनी पड़ती है।
Excellent coverage for the Industrial support. It’s a war now for our rights and we are grateful to media for the unconditional support 🙏🙏