हेल्थ सेक्टर में निवेश से खुलेंगे देश की तरक्की के रास्ते

– फेलिक्स अस्पताल के चेयरमैन डॉ. डीके गुप्ता ने बताया हेल्थ सेक्टर की ग्रोथ का रोडमैप

एनसीआर संवाद

नोएडा। बढ़ती जनसंख्या के साथ देश के हेल्थ सेक्टर में काफी सुधार की जरूरत है। देश की जीडीपी का पांच प्रतिशत से भी कम हेल्थ सेक्टर पर खर्च किया जाता है, जिसे बढ़ाने की बड़ी जरूरत है। सरकार अगर प्रयास करे तो तेजी से उभरते इस सेक्टर को और भी बेहतर बनाया जा सकता है। नोएडा के फेलिक्स अस्पताल के चेयरमैन डॉ. डीके गुप्ता ने मुंबई में आयोजित वेल्थ कॉन्क्लेव में हेल्थ सेक्टर की ग्रोथ का रोडमैप बताया। देश की तरक्की के रास्ते खोलने के लिए हेल्थ सेक्टर में निवेश की संभावनाओं को बढ़ाने पर जोर दिया…

डॉ. डीके गुप्ता कहते हैं कि देश में कई ऐसी मशीनें बनाई जा सकती हैं, जिससे लोगों का इलाज करना आसान होगा। मौजूदा समय में विदेशों से इन मशीनों का आयात होता है, जिस पर भारी-भरकम इंपोर्ट ड्यूटी लगती है। हेल्थ सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देकर स्थानीय स्तर पर ही जरूरी मेडिकल उपकरण बनाए जा सकते हैं जो लोगों के बेहतर और सस्ते इलाज में कारगर होंगे। देश की कुल जीडीपी का कम से कम पांच प्रतिशत हेल्थ सेक्टर के विकास के लिए खर्च किए जाने की जरूरत है। भारत में 70 प्रतिशत ग्रामीण आबादी है। ग्रामीण इलाकों में हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर का अभाव है। 75 प्रतिशत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर  टियर-1 यानी बड़े शहरों में है। वैकल्पिक तौर पर प्राइमरी, सेकेंडरी और टर्शियरी हेल्थ केयर को ग्रामीण इलाकों में पहुंचाने की जरूरत है। इसके लिए निजी अस्पतालों को बढ़ावा देने के लिए सब्सिडी देनी होगी, जिससे ग्रामीण इलाकों तक अस्पतालों की पहुंच बन सके। प्राइवेट सेक्टर के अस्पताल को प्रोत्साहन देने से गांवों में सस्ते और अच्छे इलाज के साथ रोजगार की संभावनाओं में भी इजाफा होगा।

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