बदलते मौैसम में बीमारियों से बचाव के लिए डॉ. प्रकाश जैन के सुझाव
एनसीआर संवाद
मौसम में बदलाव लोगों को बीमार कर रहा है। सर्दी, जुकाम, बुखार, डेंगू मलेरिया समेत अन्य मौसमी बीमारियों के लक्षण लेकर मरीज अस्पतालों में पहुंच रहे हैं। ऐसे भी लोग हैं जो बिना डॉक्टर की सलाह एंटीबायोटिक दवाओं का प्रयोग करते हैं। डॉक्टर की सलाह के बगैर एंटीबायोटिक्स (एंटीमाइक्रोबि यल) आपकी सेहत के लिए जोखिम बन सकता है। आइए जानते हैं इस विषय पर क्या कहते हैं नोएडा के वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. प्रकाश जैन…
डॉ. प्रकाश जैन कहते हैं कि डॉक्टर की सलाह के बिना एंटीबायोटिक्स का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। डॉक्टर की तरफ से भी यदि दवा एक निश्चित अवधि के लिए प्रयोग करने की सलाह दी जाती है उतने ही दिन और मात्रा में संबंधित दवा का कोर्स करना चाहिए। दवा का प्रयोग करने के बाद बेहतर महसूस कर रहें है तो भी कोर्स पूरा करें, क्योंकि दवा लेने से प्रारंभिक स्तर पर हमारे शरीर में आराम तो आ जाता है लेकिन संक्रमण पैदा करने वाले सूक्ष्मजीव पूरी तरह से खत्म नहीं होते हैं। कोर्स बीच में छोड़ने से सूक्ष्मजीव धीरे-धीरे उस दवा के प्रति प्रतिरोध क्षमता हासिल कर लेते हैं और अगली बार जब हम बीमार होते हैं तो वह दवा पूरी तरह असरदार नहीं होती है। एंटी माइक्रोबियल रेजिस्टेंस या रोगाणुरोधी प्रतिरोध एक ऐसी स्थिति है, जिसमें रोग पैदा करने वाले रोगाणु, जैसे- बैक्टीरिया, वायरस, फंजाई तथा पैरासाइट्स दवाओं के प्रति प्रतिरोधी हो जाते हैं। जब आवश्यकता न हो तो सामयिक एंटीबायोटिक का प्रयोग करने से लाभ की बजाय नुकसान हो सकता है। यही कारण है कि किसी भी एंटीबायोटिक का उपयोग चिकित्सक से परामर्श के बाद ही करना आवश्यक है, भले ही वे बिना डॉक्टर की पर्ची के उपलब्ध हों।
इन बातों का रखें ध्यान
– एंटीबायोटिक का प्रयोग हर बीमारी और तकलीफ में न करें।
– संक्रमण किस तरह का है, किस स्तर का है, यह जानना जरूरी।
– एंटीबायोटिक की डोज और ड्यूरेशन तय होना चाहिए।
– एक बार एंटीबायोटिक्स ली है, तो उसका कोर्स पूरा करें।
– किडनी, लीवर की समस्या है तो इसे लेने से पहले डॉक्टर की सलाह लें।